Sunday, January 24, 2021
मुझे पंख दे दो। उन्मुक्त गगन में उड़ना चाहती हूं। हर पगडंडी पर चलकर सफलता को छूना चाहती हूं। बढूंगी हर कदम पर मै भी तुम्हारे साथ। थाम कर चलूंगी जीवनभर तुम्हारा साथ । बस तुम मेरे पंखो को खुला आसमान दे दो। गर्भ में पलती बच्ची का समाज यह निवेदन हैं।उसके आंसू गवाही देते है, कि बालिकाओं को गर्भ में मारा गया तो समाज नहीं बचेगा।
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